मानव जीवन
मानव जीवन
न जाने कब और कहाँ, चोरी किया था दिल
प्यार में डुबनेवाले, न व है मीठा फल।
दिल चुरानेवाले सब, नहीं होते पागल
प्यार करनेवाले अब, नहीं रहते हर पल।
न समस्या सहनेवाले, न दुःख से जीवन
वह हर तरफ-हर जगह, घूमेगा रात-दिन।
जब साँस लेनेवाले, न व सोचेंगे समय
उनको न चैन मिलेगा, न व पाएँगे विजय।
व दिवग्रह रहनेवाले, आएँगे घर यह
घर में रहनेवाले, जाएँगे व दिवग्रह।
रहनेवाले सहेंगे, जानेवाले नाहि
जितना भी कष्ट क्यों हो, भूखा सोना नाहि।
समझानेवाले कहीं, न होंगे लगातार
अनजाने हम को कभी, न करेंगे गिरफ्तार।
हँसना-रोना नाहि रे, जीवन है अनमोल
गाना-जाना कहीं रे, यहीं रहना हर पल।
लालसाब हुस्मान पेंडारी
उपनाम:- कवित्त कर्ममणि
नागरमुन्नोली, ता:- चिक्कोड़ी
जिला:- बेलगावी, कर्नाटक-५९१२२२.
मो. नं.:- ९७४३८६७२९८
ईमेल:- lalasabpendari@gmail.com
न जाने कब और कहाँ, चोरी किया था दिल
प्यार में डुबनेवाले, न व है मीठा फल।
दिल चुरानेवाले सब, नहीं होते पागल
प्यार करनेवाले अब, नहीं रहते हर पल।
न समस्या सहनेवाले, न दुःख से जीवन
वह हर तरफ-हर जगह, घूमेगा रात-दिन।
जब साँस लेनेवाले, न व सोचेंगे समय
उनको न चैन मिलेगा, न व पाएँगे विजय।
व दिवग्रह रहनेवाले, आएँगे घर यह
घर में रहनेवाले, जाएँगे व दिवग्रह।
रहनेवाले सहेंगे, जानेवाले नाहि
जितना भी कष्ट क्यों हो, भूखा सोना नाहि।
समझानेवाले कहीं, न होंगे लगातार
अनजाने हम को कभी, न करेंगे गिरफ्तार।
हँसना-रोना नाहि रे, जीवन है अनमोल
गाना-जाना कहीं रे, यहीं रहना हर पल।
लालसाब हुस्मान पेंडारी
उपनाम:- कवित्त कर्ममणि
नागरमुन्नोली, ता:- चिक्कोड़ी
जिला:- बेलगावी, कर्नाटक-५९१२२२.
मो. नं.:- ९७४३८६७२९८
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