आप क्यों दलित...?
आप क्यों दलित...?
क्यों हो आप दलित...?
हो जाओ सब में सम्मिलीत
करते रहो सब से मुलाकात, तो
हो जाएंगे कुछ सुरीली-सी बात ।।१।।
बदलो मत जाति-धर्म
इससे ना बनेंगे अच्छे-कर्म
धरति सकर्मक रही समस्त
जीवन को मत करो व्यर्थ ।।२।।
जहाँ जीना है हम को
सुख-दुःख सहना है वहाँ हम सब को
तो, दलित का उपाधी क्यों आपको...?
रहना है हम-सब मिल को ।।३।।
सुखानुभव युवावस्था में न ढूंढ़ो
बुढापे में भी कर्म पर निरत रहो
जीवन में जीने का मौका ढूंढ़ो
जो है, उसी में सन्तुष्ट हो जावो ।।४।।
हम सब मिलकर चलेंगे
साथ-साथ आगे बढ़ेंगे
अपने मन को स्वर्ग बनायेंगे
उसमें, हम-सब एक-साथ रहेंगे ।।५।।
लालसाब हुस्मान पेंडारी
उपनाम:- कवित्त कर्ममणि
आर. एम. शहा पब्लिक स्कूल-इंडी
मोबाइल नं:- 9743867298
इमेल:- lalasabpendari@gmail.com
क्यों हो आप दलित...?
हो जाओ सब में सम्मिलीत
करते रहो सब से मुलाकात, तो
हो जाएंगे कुछ सुरीली-सी बात ।।१।।
बदलो मत जाति-धर्म
इससे ना बनेंगे अच्छे-कर्म
धरति सकर्मक रही समस्त
जीवन को मत करो व्यर्थ ।।२।।
जहाँ जीना है हम को
सुख-दुःख सहना है वहाँ हम सब को
तो, दलित का उपाधी क्यों आपको...?
रहना है हम-सब मिल को ।।३।।
सुखानुभव युवावस्था में न ढूंढ़ो
बुढापे में भी कर्म पर निरत रहो
जीवन में जीने का मौका ढूंढ़ो
जो है, उसी में सन्तुष्ट हो जावो ।।४।।
हम सब मिलकर चलेंगे
साथ-साथ आगे बढ़ेंगे
अपने मन को स्वर्ग बनायेंगे
उसमें, हम-सब एक-साथ रहेंगे ।।५।।
लालसाब हुस्मान पेंडारी
उपनाम:- कवित्त कर्ममणि
आर. एम. शहा पब्लिक स्कूल-इंडी
मोबाइल नं:- 9743867298
इमेल:- lalasabpendari@gmail.com
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